hindi kahani
कभी पार्क में बैठते, कभी जाकर कहीं खाना-पीना करते, और कभी फिल्म देखा करते थे।
'बिना फेरे घोड़ा बिगड़ता है और बिना लड़े सिपाही.'
यह सभी हिंदी कहानियां बहुत ध्यान पूर्वक लिखी गई हैं जिसमें आपको वह सभी महत्वपूर्ण बातें पढ़ने को मिलेंगे जिससे हम एक अच्छे समाज की स्थापना कर सकते हैं।
'' स्त्री का स्वर आया — ''करके तो देख! तेरे कुनबे को डायन बनके न खा गई, निपूते!'' डोडी बैठा न रह सका। बाहर आया। ''क्या करता है, क्या करता रांगेय राघव
सुरीली सोच में पड़ गई , इतनी तेज बारिश में खाना कहां से लाऊंगी। मगर खाना नहीं लाया तो बच्चों का भूख कैसे शांत होगा। काफी देर सोचने के बाद सुरीली ने एक लंबी उड़ान भरी और पंडित जी के घर पहुंच गई।
जैसा कर्म करते हैं फल भी वैसा ही मिलता है अतः अपने कर्म अच्छे करने चाहिए।
मोती कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता। कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती तब भी वह बिना रोटी खिलाए नहीं जाता ।
किंतु दादाजी नहीं मिले मां से पूछा तो माँ ने बताया दादाजी गांव गए हैं।
सबेरे का वक़्त है। गंगा-स्नान के प्रेमी अकेले और दुकेले चार-चार छ-छ के गुच्छों में गंगा-तट से लौटकर दशाश्वमेध के तरकारीवालों और मेवाफ़रोशों से उलझ रहे हैं, मोल-तोल कर रहे हैं। दूकानें सब दुलहिनों की तरह सजी-बजी खड़ी हैं। कहीं चायवाला चाय के शौक़ीनों अमृत राय
(मेरी मान्यता है कि मंटो को उर्दू-हिंदी के भाषाई विभाजन का विषय न बनाया जाए. वे दोनों ही भाषाओं के महान कथाकार हैं. उनकी सहज-सरल भाषा को किसी ऐसी श्रेणी में बांटा भी नहीं जा सकता. जो भी अंतर है वह सिर्फ़ लिपि की भिन्नता के कारण है.
कहानी एक अत्यंत लोकप्रिय विधा के रूप में स्वीकृत हो चुकी है। प्रायः सभी पत्र-पत्रिकाओं में, पाठकीय माँग के फलस्वरूप, कहानियों का छापा जाना अनिवार्य हो गया है। इस देश की प्रत्येक भाषा में केवल कहानियों की पत्रिकाएँ भी संख्या में कम नहीं हैं। रहस्य, रोमांस, ज्ञान और साहस की कहानियों के अतिरिक्त उनमें जीवन को गंभीर रूप में लेने वाली कहानियाँ भी छपती हैं। साहित्यिक दृष्टि से इन्हीं का महत्व है। ये कहानियाँ चारित्रिक विशेषताओं, ‘मूड’, वातावरण, मुश्किल स्थितियों आदि के साथ सामाजिक-आर्थिक जीवन से भी संबंद्ध होती हैं। सामानयतः कहानी मीमांसा के लिए छः तत्वों का उल्लेख किया जाता है –
उसके अम्मी – अब्बू ने बकरी के बच्चे का सौदा सलीम से कर दिया।
वह किसी को परेशान नहीं करता, छोटे बच्चे भी उसे खूब प्यार करते थे।
Ethical of this shorter hindi story – Never ever be also arrogant. Your do the job should notify your significance to the world.